शुक्र भगवान को प्रसन्न करनेके उपाय | shukr bhagvan ko prasanna krne ke upaya shukra grah upay
शुक्र ग्रह के लिए शांति के लिए आसान उपाय – सम्पूर्ण जानकारी
- शुक्रवार को दुर्गाजी, अंबाजी, लक्ष्मीजी, अन्नपूर्णाजी या अन्य देवीजी के मंदिर में दर्शन करने मंदिर जायें ।
- शुक्रवार का व्रत रखें और शाम के वक्त एक समय ही मीठा भोजन करें ।
- शुक्रवार के दिन खटाई न खाएं ।
- अपने भोजन का कुछ हिस्सा गाय को खिलाएं ।
- भोजन का एक टुकड़ा कौवे को डालें और कुत्ते को डालें ।
- दो मोती लेकर एक पानी में बहा दें और दूसरा जिन्दगी भर अपने पास रखें ।
- श्वेत (सफेद) एवं स्वच्छ वस्त्र धारण करें ।
- लक्ष्मीजी की उपासना करें ।
- सिद्ध शुक्र यंत्र अवश्य धारण करें या अपने पास रखें ।
- ज्वार तथा घास दान करें ।
- सुगन्धित इत्र या सेंट का उपयोग करें ।
- घी, दही व कपूर दान करें ।
- अति कामुकता से बचें ।
- बहते हुए नाले में तांबे के सिक्के डाल दे |
- घी , दही और कर्पुर मंदिर में दान करे |
- महीने मे एक बार गोमूत्र का सेवन करे |
शुक देव को कुंडली में कैसे बलवान करें ?
रत्न और वस्त्र का दान करके प्राप्त करें शुक्र की शांति !
शुक्र ग्रह से उत्पन्न दोषों के निवारण के लिये हीरा दान करना उत्तम है । कुंवारी कन्याओं को श्वेत वस्त्र दान करना शुक्र ग्रह की अनिष्टता को दूर करता है ।
शुक्र की अनुकूलता हेतु औषधि स्नान के 6 प्रमुख सामग्री
शुक्र द्वारा उत्पन्न अरिष्ट को शांत करने के लिये जातक को स्नान के जल में इलायची, मैनसिल, दूध, मूली के बीज, पीपरामूल, चावल, आदि मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
शुक्र ग्रह से संबंधित दान करनेके 12 महत्वपूर्ण सामग्री
शुक्र ग्रह से संबंधी दान शुक्र के वार शुक्र वार या शुक्र के नक्षत्र भरनी ,पूर्वाफाल्गुनी या पूर्वाभाद्रपद में करना चाहिए |
दान में स्वयं के वजन के बराबर चावल, चांदी, घी, सफेद वस्त्र, चंदन, दही, चीनी, गंद्य द्रव्य, गाय, हीरा, सफेद पुष्प, फल, दक्षिणा साहित ब्राह्मण को या देवी माता के मंदिर में दान करना चाहिए ।
शुक्र मंत्र का जाप करने से आपकी जीवनशैली में होगा सुधार !!
जिन जातक की पत्रिका में शुक्र कमजोर हो उन्हें शुक्र
ग्रह को बलवान बनाने के लिए या शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुक्र भगवान का मंत्र 64,000 बार अनुष्ठान करके स्फटीक की माला से स्वयं जाप करना चाहिए या किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा संकल्प देकर जप का अनुष्ठान करवाना चाहिए। जितनी संख्या में जप हुए हो उसका दशांश अर्थात दसवा भाग (10%) मंत्र संख्या से हवन करना चाहिए। हवन की मंत्र संख्या के दशांश का तर्पण करना चाहिए । तथा तर्पण के दशांश का मार्जन करना चाहिए। यदि हवन, तर्पण तथा मार्जन जातक न कर सकें या न करवा सकें तो उतनी ही संख्या के जाप और करने चाहिए ।
शुक्र के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए ।
ॐ शुं शुक्राय नमः
बीज मन्त्र – ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
शुक्र का व्रत कैसे करें: विधि और महत्व
31 या 21 शुक्रवारों तक करना चाहिये । श्वेत वस्त्र धारण करके ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः इस मंत्र का 21, 11 या 5 माला जप करे । भोजन में चावल, चीनी, दूध, दही और घी से बने पदार्थ भोजन करे । इस व्रत के करने से सुख-सौभाग्य और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है ।
शुक्र शांति के लिए अन्य उपाय का आसान तरीका होगी शुभ फल की प्राप्ति !
जिन जातक की पत्रिका में शुक्र बलहीन या अनिष्टकारक हो उन्हें कनकधारा स्तोत्र या अन्नपूर्णा स्तोत्र का पाठ करने से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है ।