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श्री हनुमानजी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥आरती कीजै हनुमान लला की। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥आरती कीजै हनुमान लला की। लंका…

श्री पांडुरंगाष्टकम्
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श्री पांडुरंगाष्टकम्

 श्री पांडुरंगाष्टकम्   महज्ञायोगपीठे तटे भीमरथ्या। वरं पुंडरीकाय दातुं मुनिद्रैः ।। समागत्य तिष्ठतमानंदकंदं । परब्रम्हलिंगं भजे पांडुरंगम् ।।१।। तडिद्वससं नीलमेघवभासं। रमामंदिरं सुंदर चित्प्रकाशम् ।। वरं त्विष्टिकायां समन्यस्तपादं। परब्रम्हलिंगं भजे पांडुरंगम् ।।२।। प्रमाणं भवाब्धेरिंद मामकानां। नितंब: कराभ्यां धृतो येन तस्मात् ।। विधातुर्वसत्यै धृतो नाभिकोशः। परब्रम्हलिंगं भजे पांडुरंगम् ।।३।। स्फुरत्कौस्तुभालंकृतं कंठदेशे। श्रिया जुष्टकेयूरकं श्रीनिवासम् ।। चिवं शान्तमीड्यं…