Ketu Grah : केतु स्तोत्र का पाठ करने से होगा आपका भाग्योदय |
यदि आपकी कुंडली में केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव है तो करे केतु स्तोत्र का पाठ होगा अशुभ प्रभाव कम | केतु स्तोत्र/Ketu Stotra केतु: काल: कलयिता धूम्रकेतुर्विवर्णक:। लोककेतुर्महाकेतु: सर्वकेतुर्भयप्रद: ।।1।। रौद्रो रूद्रप्रियो रूद्र: क्रूरकर्मा सुगन्ध्रक्। फलाशधूमसंकाशश्चित्रयज्ञोपवीतधृक् ।।2।। तारागणविमर्दो च जैमिनेयो ग्रहाधिप:। पंचविंशति नामानि केतुर्य: सततं पठेत् ।।3।। तस्य नश्यंति बाधाश्चसर्वा: केतुप्रसादत:। धनधान्यपशूनां च भवेद्…