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श्री हनुमानजी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥आरती कीजै हनुमान लला की। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥आरती कीजै हनुमान लला की। लंका…

मकर राशि

मकर राशी, राशी चक्र की आठवी राशी है| मकर राशी में उतराषाढा के 3 चरण, श्रवण, धनिष्ठा नक्षत्रके 2 चरण मीला कर मकर राशी बनती है। मकर राशी पृथ्वी तत्व की है, मकर राशी का चिन्ह ‘शेळी’ कि प्रतिकृति है|

धनु राशी | Dhanu Rashi

धनु राशी | Dhanu Rashi

♐ dhanu rashi धनु राशी, राशी चक्र की आठवी राशी है| धनु राशी में मुळ, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा नक्षत्रके 1 चरण मीला कर धनु राशी बनती है। धनु राशी अग्नि तत्व की है, धनु राशी का चिन्ह ‘अश्व मानव’ कि प्रतिकृति है| धनु राशी का स्वामी गुरु देव है, गुरु देव होने के कारण व्यक्ति का…

वृश्चिक – Vrushchik

वृश्चिक – Vrushchik

वृश्चिक राशी, राशी चक्र की आठवी राशी है| वृश्चिक राशी में विशाखा नक्षत्रके 1 चरण, अनुराधा, जेष्ठा नक्षत्रके 4 चरण मीला कर वृश्चिक राशी बनती है। वृश्चिक राशी जल तत्व की है, वृश्चिक राशी का चिन्ह बिच्छू कि प्रतिकृति है|

तुला राशी – Tula Rashi

तुला राशी – Tula Rashi

तुला राशी, राशी चक्र की सातवीं राशी है| तुला राशी में चित्रा नक्षत्रके 2 चरण, स्वाती, विशाखा नक्षत्रके 3 चरण मीला कर कन्या राशी बनती है। तुला राशी वायु तत्व की है, तुला राशी का चिन्ह तराजू कि प्रतिकृति है| तुला राशी का स्वामी शुक्र देव है, शुक्र देव होने के कारण व्यक्ति का स्वभाव…

कन्या राशी

कन्या राशी, राशी चक्र की छाटी रास है| कन्या राशी में उत्तरा नक्षत्रके 3 चरण, हस्त,चित्रा नक्षत्रके 2 चरण मीला कर कन्या रास बनती है। कन्या राशी पृथ्वी तत्व की है, कन्या राशी का चिन्ह कन्या कि प्रतिकृति है| कन्या राशी का स्वामी बुध देव है, बुध देव ग्रह होने के कारण व्यक्ति का स्वभाव…

सिंह राशी-leo

सिंह राशी-leo

सिंह राशी, राशी चक्र की पाचवी रास है| सिंह राशी में मघा, पूर्वा,उत्तरा नक्षत्र का 1 चरण मीला कर सिंह रास बनती है। सिंह राशी अग्नि तत्व की है, सिंह राशी का चिन्ह सिंह कि

कर्क राशी

कर्क राशी

[wpdts-date] कर्क राशी, राशी चक्र की चौथी रास है| कर्क राशी में पुनर्वसू नक्षत्रका 1 चरण, पुष्य, आश्लेषा नक्षत्र मीला कर कर्क रास बनती है। कर्क राशी जल तत्व की है, कर्क राशी का चिन्ह केकड़ा कि प्रतिकृति है| कर्क राशी का स्वामी चंद्र देव है, चंद्र देव गतिशील ग्रह होने के कारण व्यक्ति का…

मिथुन राशी–gemini

मिथुन राशी–gemini

मिथुन राशी-gemini, राशी चक्र की तीसरी रास है| मिथुन राशी में मृग नक्षत्रके 2 चरण, आर्दा, पुनर्वसू के 3 चरण मीला कर मिथुन रास बनती है। मिथुन राशी वायु तत्व की है, मिथुन राशी का चिन्ह जुडवा व्यक्ति यो कि प्रतिकृति है|

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) की सम्पूर्ण जानकारियाँ लक्षण : मध्यम कद, प्रायः मोटा शरीर, चैउ़ा मस्तक, मोटी गर्दन, सुन्दर आकर्षक चेहरा, बड़े कान और आंखें चैड़ कंधे, गठीला शरीर, गेहंआ रंग, सफेद दांत, भारी जांघे, घुंघराले बाल, कमर या बगल में मस्सा। अन्य गुण: प्रेमपूर्ण व्यवहार, सौंदर्य, संगीत और कला में रूचि होती है। loading……