Guru Grah ka asta konse karya na kare | गुरु ग्रह अस्त होनेसे गुरु का बाल नाही है इन राशी को ?

ज्योतिषशास्त्र: गुरुग्रह के अशुभ अवस्थाएं और उनके प्रभाव

ज्योतिषशास्त्र: गुरुग्रह के अशुभ अवस्थाएं और उनके प्रभाव

ग्रहों का खास महत्व हिंदू ज्योतिषशास्त्र में होता है। इन ग्रहों के स्थिति और दिशा व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालती हैं, और इसमें गुरुग्रह का भी विशेष महत्व है। गुरुग्रह को सबसे बड़ा और शुभ ग्रह माना जाता है, लेकिन कई बार यह अशुभ अवस्था में भी हो सकता है। इस पोस्ट में, हम जानेंगे कि गुरुग्रह के अशुभ होने पर किन कार्यों को नहीं करना चाहिए और उनके प्रभाव क्या हो सकते हैं।

ज्योतिषशास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है जो ग्रहों के चक्रवात से मानव जीवन पर प्रभाव डालने की विधि को अध्ययन करता है। गुरुग्रह, जिसे बृहस्पति ग्रह भी कहा जाता है, शिक्षा, धर्म, भाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। इस ग्रह के अशुभ होने पर व्यक्ति को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

  1. नए परियोजनाओं की शुरुआत:
    अगर आपका गुरुग्रह अशुभ है, तो नए व्यवसायिक परियोजनाओं की शुरुआत न करें। यह आपके लिए अनुभव में कठिनाईयों का सामना कराने की संभावना हो सकती है। इस समय में, आपको अपने कार्यों को संवेदनशीलता से देखना चाहिए और संभावित रिस्क को ध्यान में रखना चाहिए।
  2. विवाह समय:
    गुरुग्रह के अशुभ होने पर विवाह के लिए अच्छा समय नहीं होता है। विवाह एक महत्वपूर्ण घटना है और इसमें समय का चयन महत्वपूर्ण है। गुरुग्रह के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, आपको विवाह के लिए सही समय का चयन करना चाहिए।
  3. धार्मिक कार्यों में संभावित परिणाम:
    गुरुग्रह के अशुभ होने पर धार्मिक कार्यों में सहभागी होते समय सावधानी बरतना चाहिए। धार्मिक कार्यों में समर्थन और सेवा करने से पहले, आपको गुरुग्रह के प्रभाव को समझना चाहिए और उसके अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।
  4. धन संबंधित निवेश:
    गुरुग्रह के अशुभ होने पर धन संबंधित बड़े निवेश करने की सलाह नहीं दी जाती है। नए निवेश करने से पहले, आपको अपनी वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए और गुरुग्रह के प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए।

गुरुग्रह के अशुभ होने पर उपरोक्त उदाहरणों को ध्यान में रखें,

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