ketu shanti ke upya : केतु शांति के उपाय

ketu shanti ke upya : केतु शांति के उपाय

ketu shanti ke upya : केतु शांति के उपाय आपकी कुंडली में यदि केतु ग्रह अशुभ फलदायी है तो आप यह उपाय कीजिये आपके जीवन में सदा सर्वदा सुख,शांति,और समृद्धि आयेगी |

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नित्य स्तोत्र पाठ | Nitya Stotra Path

विष्णु जी के सहस्त्र नाम कौन कौन से हैं?
विष्णु सहस्रनाम: भगवान विष्णु के 1000 नाम
विश्वम ईश्वर जो स्वयं ब्रह्मांड है
विष्णु ईश्वर जो हर जगह व्याप्त है
वशत्कार: भगवान जो हवन के लिए आमंत्रित किया जाता है
भूतभव्य-भाववत-प्रभु: भूत, वर्तमान और भविष्य के देवता
भूत-कृतो सभी प्राणियों के निर्माता
भूता -भृत भगवान जो सभी प्राणियों का पोषण करते हैं
भव …
भूतात्मा

mahabharat
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Mahabharat | 8 or 18

Mahabharat महाभारत में 18 संख्या का बहुत महत्त्व है। महाभारत की कई घटनाएँ 18 संख्या से सम्बंधित है। कुछ उदाहरण देखें:महाभारत का युद्ध कुल 18 दिनों तक हुआ था।

कौरवों (11 अक्षौहिणी) और पांडवों (7 अक्षौहिणी) की सेना भी कुल 18 अक्षौहिणी थी।
अक्षौहिणी सेना के प्रत्येक भाग की संख्या के अंकों का कुल जमा 18 आता है।

कालसर्प योग काय आहे? kalsarpa yog

Vishadosh in kundali | विषदोष

कुंडली में शनि ओर चंद्र की युती से विषदोष का निर्माण होता है जैसे:- १- दोंनो ग्रहों का एकसाथ बैठना। २- शनि-चंद्र का परस्पर दृष्टि योग। ३- एक दूसरे के नक्षत्र में होना। ४- विषय परिस्थितियों में.. इनका ग्रह परिवर्तन भी विषदोष के परिणाम देता है।