kundali janm kundali

राहू ग्रह के उपाय | Rahu ke shanti ke upya : राहू भगवान को प्रसन्न करना चाहते हो तो करिए ये उपाय

राहू भगवान को प्रसन्न करने के लिए यदि आप यह उपाय करेंगे तो जीवन में जो चाहते हो तो इन उपायोको करने से आपके जीवन में जो चाहते हो वो फल जल्द से जल्द मिलेगा निचे दिए गये राहू भगवान को प्रसन्न करने के उपाय यदि आप इनमेसे एक भी उपाय करते हो तो आपके जीवन में सुख,शांति ,समाधान आपकी जीवन में लायेगा

  • काले तिल शनिवार को बबूल के पेड़ पर चढ़ाये |
  • सरसों व नीलम का दान करे |
  • माता सरस्वती की उपासना करे |
  • संयुक्त परिवार में रहे |
  • सिर पर चोटी रखें।
  • ससुराल से सम्बन्ध न बिगाड़ें ।
  • जौ या अनाज को बड़े स्थान पर बोझ के नीचे दबाएं या दूध से धोकर बहते पानी में बहाएं ।
  • मूली दान करें ।
  • कोयला बहते पानी में बहाएं ।
  • पैसा व मसूर की दाल भंगी को दान करें ।
  • गोमेद दाहिने हाथ की मध्यमिका अंगुली में धारण करें ।
  • जेब में चांदी की ठोस गोली रखें अथवा छल्ला या चेन आदि धारण करें ।
  • थोड़े से कोयले बहते पानी में प्रवाहित करें ।
  • जौ के कुछ दाने रात को सिरहाने रख दें तथा सुबह पक्षियों को चुंगाएं ।
  • तम्बाकू का सेवन न करें ।
  • घर के आसपास गन्दा पानी जमा न होने दें ।
  • सीसा (धातु) और एक नारियल बहते पानी में प्रवाहित
  • संयुक्त परिवार में रहें ।

राहु की शांति के लिए रत्न और वस्त्र का दान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय

किसी योग्य व्यक्ति को गोमेद का दान करें तथा जरूरतमन्दों को नीले वस्त्र दान करें । कंबल बांटने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है ।

राहु की अनुकूलता हेतु औषधि स्नान

राहु कृत पीड़ा से मुक्ति पाने के लिये जातक को मंगलवार के दिन लोबान, तिल, तिल्ली का तेल, लौह चूर्ण आदि से मिश्रित जल से स्नान करना चाहिये । इस प्रयोग से राहु की अनुकूलता प्राप्त होती है ।

राहु ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए दान कैसे करें?

राहु ग्रह से संबंधी दान शनिवार या पूर्णिमा या राहु के नक्षत्र आर्द्रा, स्वाति या शत्भिषा में करना चाहिए । दान में स्वयं के वजन के बराबर अभ्रक, लौह, तिल, नीला वस्त्र, ताम्रपत्र, तलवार, सप्तधान्य,उड़द, गोमेद, काले पुष्प, तेल, कम्बल, घोड़ा, जौ, दक्षिणा सहित ब्राह्मण को या नवग्रह मंदिर में दान करना चाहिए |

राहु मंत्र का जाप क्यों और कैसे किया जाता है?

जिन जातक की पत्रिका में राहु कमजोर हो उन्हें राहु ग्रह को बलवान बनाने के लिए या राहु ग्रह की शांति के लिए राहु भगवान का मंत्र 72,000 बार अनुष्ठान करके तुलसी की माला से स्वयं जाप करना चाहिए या किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा संकल्प देकर जप का अनुष्ठान करवाना चाहिए। जितनी संख्या में जप हुए हो उसका दशांश अर्थात दसवा भाग (10%) मंत्र संख्या से हवन करना चाहिए । हवन की मंत्र संख्या के दशांश का तर्पण करना चाहिए । तथा तर्पण के दशांश का मार्जन करना चाहिए । यदि हवन, तर्पण तथा मार्जन जातक न कर सकें या न करवा सकें तो उतनी ही संख्या के जाप और करने चाहिए ।

राहु के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए ।

ॐ रां राहुवे नमः

बीज मन्त्र ॐ भ्रां भीं भ्रौं सः राहवे नमः

राहु और केतु का व्रत का महत्व और विधि

18 शनिवारों तक करना चाहिये । काले रंग का वस्त्र धारण करके राहु के व्रत में ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः इस मंत्र एवं केतु के व्रत में ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्राँ सः केतवे नमः इस मंत्र का 18 11 या 5 माला जप करे । जप के समय एक पात्र में जल, दूर्वा और कुशा अपने पास धर ले । जप के बाद इनको पीपल की जड में चढा दे । भोजन में मीठा चूरमा, मीठी रोटी, समयानुसार रेवडी, भुजा और काले तिल से बने पदार्थ खाये। रात में घी का दीपक पीपलवृक्ष की जड में रख दिया करे । इस व्रत के करने से शत्रु का भय दूर होता है । राजपथसे (मुकदमे में ) विजय मिलती है, सम्मान बढ़ता है।

राहु शांति के लिए अन्य उपाय क्या है ?

जिन जातक की पत्रिका में राहु बलहीन या अनिष्टकारक हो उन्हें सरस्वती वंदना का पाठ करने से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है|

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *