Nakshatra surya

जानिए सूर्य भगवान दशम भाव में क्या फल देते है |

स्वभाव

दशम भाव में स्थित सूर्य के प्रभाव से जातक महत्वाकांक्षी, साहसी और स्वयं को केन्द्र में रखने का इच्छुक होता है। वह धनी, प्रसिद्ध, साहसी और लगातार सफलता प्राप्त करने वाला होता हैं ।

पूर्ण दृष्टी

दशम सूर्य की पूर्ण दृष्टि चतुर्थ स्थान पर पड़ती है जिसके प्रभाव से जातक अपनी माता के स्वास्थ्य के लिए चिंतित रहता है। जातक साधु संतों का मान-सम्मान करता है ।

Nakshatra surya

मित्र/शत्रु राशी

मित्र, स्व व उच्च राशि में स्थित सूर्य के प्रभाव से जातक उच्च पिदाधिकारी होता है । जातक परिवार से सुखी होता है एवं राज्यपक्ष जैसे विषयों में सफलता प्राप्त करता है। जातक लंबी यात्राएं करता है। शत्रु व नीच राशि में होने पर जातक दुखी होता है उसे प्रारंभिक आयु में कष्ट होता है। वह विदेश में कष्ट प्राप्त करता है। जातक को कर्म क्षेत्र में असफलताओं का सामना करना पड़ता है।

भाव विशेष

दशमस्थ सूर्य योग कारक होता है जिसके प्रभाव से जातक को अपने व्यवसाय में उच्च कोटि की सफलता, यश एवं धन प्राप्त होता है। दशमस्थ सूर्य की जन्म पत्रिका वाले जातक को पितृ-गुरु द्वेषी की संज्ञा दी गई है। क्योंकि जातक अत्यंत जिद्दी होता है एवं पिता गुरु के कथन को नहीं मानता है। दशम स्थान में सूर्य जातक को राजमान्य, प्रसिद्ध सं एवं ऐश्वर्यशाली बनाता है। जातक उदार एवं प्रतापी होता हैं। जातक की कार्य कुशलता उसे व्यवसाय व व्यापार में प्रसिद्धि एवं सुख दिलाती हैं।

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