Kapoor Ka Upay | कपूर से आश्चर्यजनक उपाय क्या हैं ?
शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाएं।
जीवन में सफलता की तिजोरी खोलेंगे लौंग और कपूर के ये उपाय !

पितृदोष और कालसर्पदोष से मुक्ति हेतु – कपूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है। दरअसल, यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र है। इसको दूर करने के लिय प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कपूर जलाएं। घर के शौचालय और बाथरूप में कपूर की 2-2 टिकियां रख दें। बस इतना उपाय ही काफी है।
आकस्मिक घटना या दुर्घटना से बचाव – आकस्मिक घटना या दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं। इसके अलावा हमारी तंद्रा और क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। इसके लिए रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कपूर जलाएं।
हालांकि प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कर्पूर जलता रहता है उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती। रात्रि में सोने से पूर्व कपूर जलाकर सोना तो और भी लाभदायक है।
सकारात्मक उर्जा और शांति के लिए – घर में यदि सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना है तो प्रतिदिन सुबह और शाम कपूर को घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाएगी। दु:स्वप्न नहीं आएंगे और घर में अमन शांति बनी रहेगी है।
वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है तथा बीमारी होने का भय भी नहीं रहता।
अचानक धन प्राप्ति का उपाय – गुलाब के फूल में कपूर का टुकड़ा रखें। शाम के समय फूल में एक कपूर जला दें और फूल को देवी दुर्गा को चढ़ा दें। इससे आपको अचानक धन मिल सकता है।
यह कार्य आप कभी भी शुरू करके कम से कम 43 दिन तक करेंगे तो लाभ मिलेगा। यह कार्य नवरात्रि के दौरान करेंगे तो और भी ज्यादा असरकारक होगा।
वास्तु दोष मिटाने के लिए – यदि घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष निर्मित हो रहा है तो वहां एक कपूर की 2 टिकियां रख दें। जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तब दूसरी दो टिकिया रख दें। इस तरह बदलते रहेंगे तो वास्तुदोष निर्मित नहीं होगा।
भाग्य चमकाने के लिए – पानी में कपूर के तेल की कुछ बूंदों को डालकर नहाएं। यह आपको तरोताजा तो रखेगा ही आपके भाग्य को भी चमकाएगा। यदि इस में कुछ बूंदें चमेली के तेल की भी डाल लेंगे तो इससे राहु, केतु और शनि का दोष नहीं रहेगा, लेकिन ऐसे सिर्फ शनिवार को ही करें।
पति-पत्नी के बीच तनाव को दूर करने हेतु –

रात को सोते समय पत्नी अपने पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और पति अपनी पत्नी के तकिये में कपूर की 2 टिकियां रख दें। प्रातः होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर कही उचित स्थान पर फेंक दें तथा कपूर को निकाल कर शयन कक्ष में जला दें।
यदि ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो प्रतिदिन शयनकक्ष में कपूर जलाएं और कपूर की 2 टिकियां शयनकक्ष के किसी कोने में रख दें। जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तो दूसरी रख दें।
धन-धान्य के लिए – रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चांदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जला दिया करें। यह कार्य नित्य प्रतिदिन करेंगे तो धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा। धन की कभी कमी नहीं होगी।
विवाह बाधा हेतु – विवाह में आ रही बाधा को दूर करना चाहते हैं तो यह उपाय बहुत ही कारगर है। 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लें, इसमें हल्दी और चावल मिलाकर इससे मां दुर्गा को आहुति दें।
मनचाही भूमि या भवन पाने के लिए – यह उपाय नवरात्रि के दिन करने का है। सबसे पहले उस स्थान की थोड़ी-सी मिट्टी लाकर एक कांच की शीशी में उसे डालें। उसमें गंगा जल और कपूर डालकर उसे पूजा में जौ के ढेर पर स्थापित कर दें। नवरात्र भर उस शीशी के आगे नवार्ण मन्त्र ‘ऐं हीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे’ का पांच माला जप करें और जौ में रोज गंगा जल डालें।
नवमी के दिन थोड़े से अंकुरित जौ निकाल लें और ले जाकर मनचाही जगह पे डाल दें। कांच की शीशी को छोड़कर शेष सामग्री को नदी में डाल दें।
मुहूर्त के प्रकार: शुभ समय की पूरी जानकारी Muhurta-niti-niyam shubh-muhurat
मुहूर्त के प्रकार: शुभ समय की पूरी जानकारी Muhurta-niti-niyam shubh-muhurat हम भारतीयों के लिए “मुहूर्त” शब्द बहुत खास होता…
धन-वैभव के दाता शुक्र बदलेंगे चाल – इन राशियों की चमकेगी किस्मत! Venus, the giver of wealth and prosperity,
धन-वैभव के दाता शुक्र बदलेंगे चाल – इन राशियों की चमकेगी किस्मत! Venus, the giver of wealth and prosperity,…
सूर्यसिध्दांत Sury – sidhant काय असतो ?
सूर्यसिध्दांत तसेच बाणवृध्दीरसक्षयः म्हणजे नेमके काय ? सूर्यसिध्दांत Suryasidhant काय असतो ? ज्योतिषशास्त्राचा इतिहास हा ब्रम्हांडाच्या उत्पत्तीपासूनच सुरुहोतो व…
1000 Vishnu Sahastra Naame |
विष्णू सहस्रनाम म्हणजे भगवान श्री विष्णू च्या १,००० (एक हजार) नावांचे स्तोत्र होय. हे स्तोत्र पितामह भीष्मानी युधिष्ठिर ला…
अन्तश्चेतना और स्वस्तिकासन: मानसिक शांति, ध्यान और आध्यात्मिक विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ मार्ग
अन्तश्चेतना और स्वस्तिकासन: मानसिक शांति, ध्यान और आध्यात्मिक विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ मार्ग अन्तश्चेतना: एक गहन आत्मिक शक्ति अन्तश्चेतना…
शनि व साडेसाती 2025 तुमच्या राशी वरती होणारा प्रभाव ?
shani dev sadesati 2025 शनिपालट व साडेसाती तुमच्या राशी वरती होणारा प्रभाव ?शनिपालट केव्हा ?साडेसाती म्हणजे काय ?..साडेसातीत काय…