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पितृ दोष निवारण | Pitra Dosh nivaran hetu upay

1. श्रीमद् भागवत कथा का एक सप्ताह तक पाठ किसी योग्य आचार्य द्वारा करायें ।

2. घर, परिवार, कुटूंब, पड़ौसी, स्नेहीजन को आमंत्रित करे। बहन बेटियों को इच्छानुसार भेंट, वस्त्र इत्यादि देवें । 2. विष्णु सहस्त्रनाम का अखंड़ 108 पाठ किसी योग्य पंड़ित द्वारा रोज सुबह / शाम करायें। 15 अप्रेल से 15 अक्टुबर तक।

3. घर के सभी सदस्य रोज 2 माला द्वादशाक्षर मंत्र ( ॐ नमो भगवते वायुदेवाय) का जाप करें।

4. गयाजी या त्रयंबकेश्वर जाकर पितृ दोष शांति करायें। घर में गुजरे सभी व्यक्तियों की लिस्ट बनाकर ले जायें । मातृ व पितृश्राद्ध, नाग बली, तर्पण व पिण्ड दान करे ।

5. प्रति अमावस्या को ब्राह्मण को दक्षिण मुख बैठाकर भोजन करायें। भोजन में खीर, जलेबी व कद्दू की सब्जी या उनकी (पितृों की) मनपसंद चीज बनाये । ब्राह्मण को दक्षिणा देकर विदा करें। गाय, कुत्ते, कौवे व भिखारी को भी ड़ाले ।

6. हर एकादशी (ग्यारस ) या गुरूवार या रविवार को घर में शाम को कीर्तन व भजन मंडली द्वारा भजन / कीर्तन करवायें या करें।

7. रसोईघर में पानी के बर्तन के पास या दक्षिण दिशा में पितृ का स्थान बनायें। वहां एक दिपक रोज सुबह-शाम जलायें। मिठा भोग, ड्राय फुट, इत्यादि का भोग लगाये। कोई भी महत्वपूर्ण कार्य, साझेदारी, मांगलिक कार्य, परिक्षा, समझोता इत्यादि के लिए जाते वक्त वहां प्रणाम करके जाए ।

8. घर में शुद्धता का वातावरण रखें। अभक्ष्य आहार न खाये। शराब न पिये, झूठ न बोले किसी को धोखा न दें, बड़ों का आदर करें।

JANK KUNDALI

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