अक्षय तृतीया | Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया | Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया | Akshaya Tritiya अक्षय तृतीया का फल अक्षय यानी कि कभी न मिटने वाला होता है. अक्षय तृतीया पर दान पुण्य का भी अत्यंत महत्व है. इस दिन किए गए दान का कई गुना फल प्राप्त होता है. इस बार अक्षय तृतीया 3 मई 2022 को मनाई जाएगी. (पितरों की आत्मशांति, अक्षय यश,…

Jivanoopayogi Todga
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Jivanoopayogi Todga

Jivanoopayogi Todga
(१) आपण रस्त्यावर अनेक वेळेला जोडपी चालताना पाहतो. अशा वेळी त्यांच्यामधून जाऊ नका. पत्नीशी अगर पतीशी वितुष्ट येण्याची शक्यता असते असा हा संकेत आहे.

27 नक्षत्र Nakshatra

Nakshatra

Nakshatra क्या है 27 नक्षत्रों का गणित, कौन से नक्षत्र का क्या होता है असर अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आद्रा, पुनर्वसु पुष्य, अश्लेशा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती।

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Sukra Yantra शुक्र यंत्र

शुक्र यंत्र शुक्र जल तत्व, मध्यम कद का जलीय ग्रह है। शरीर में यह वीयं, शुक्राणु जननेन्द्रिय, स्वर, गर्भाशय, नेत्र एवं संवेग शक्ति को प्रभावित करता है इसके निर्बल एवं अशुभ होने पर वीर्य संबंधी रोग, गुप्त रोग, मूत्र विकार, स्त्री संसर्ग जन्य रोग, नशीले द्रव्यों के सेवन से उत्पन्न रोग, मधुमेह, उपदंश, प्रदर रोग,…

मंगल यंत्र

मंगल यंत्र

मंगल ग्रह के अशुभ होने से रक्तचाप, रक्त विकार, खुजली, फोड़ा-फुसी, रक्तसाव कुष्ठ रोग, आकस्मिक दुर्घटना जन्य रोग, अग्नि भय, गुप्त रोग, सूजन, वात, पित्त संबंधी रोग होते हैं

सूर्य यंत्र

सूर्य यंत्र

सूर्य यंत्र Surya yantra सूर्य यंत्र ब्रह्माड में सूर्य ही सर्वोपरि ग्रह है जिसके इर्द गिर्द सभी सितारे ग्रह और नक्षत्र घूमते हैं। पृथ्वी के सभी जड़ और चेतन पदार्थों पर इसकी रश्मियों का प्रभाव पड़ता है मौसम, वनस्पति, मानव सभी सूर्य किरणों से प्रभावित होते हैं डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की मान्यता है कि उगते…

बुक्का म्हणजे काय ? पांडुरंगाला बुक्का  का लवावा आणि का लवतात जाणून घ्या !

बुक्का म्हणजे काय ? पांडुरंगाला बुक्का का लवावा आणि का लवतात जाणून घ्या !

बुक्का म्हणजे काय ? पांडुरंगाला बुक्का का लवावा आणि का लवतात जाणून घ्या ! महाराष्ट्राचे लाडके दैवत म्हणजे पांडुरंग. पंढरीत तो विठ्ठल हा सदा भक्तांच्या गोतावळ्यात रमलेला आहे