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जानिए आपकी कुंडली मे सूर्य भगवान का फल किस भाव मे है | kundali me surya ka prabhav

सूर्य भगवान का प्रभाव आपके कुंडली मे जाणे अपनी जीवन रेखा ?

स्वभाव

द्वितीय भाव का सूर्य, जातक को झगड़ा करने वाला, उग्र उत्तेजित एवंऊँची आवाज में बोलने वाला बनाता हैं ।

सप्तम दृष्टि

सूर्य के द्वितीय भाव में स्थित होने से उसकी सप्तम दृष्टि मृत्यु (अष्टम भाव) पर पड़ती है इससे जातक कि लंबी आयु होती है।

Nakshatra surya

मित्र/शत्रु राशि

द्वितीय भाव में मित्र, स्व व उच्च राशि के सूर्य का जातक धनवान बनता है। उसके पास संपत्ति भी होगी और धन का संचय भी हो पायेगा । शत्रु व नीच राशि का सूर्य द्वितीय भाव में स्थित होने से जातक का धन का नाश होगा । जातक अपनी पैतृक संपत्ति का भी नाश करेगा ।

द्वितीय भाव विशेष

द्वितीय भाव में सूर्य की स्थिति से जातक को पैत्रिक संपत्ति नहीं मिलती है | द्वितीय भाव में सूर्य से जातक परिवारजनों से विवाद करता है |

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