बारह राशियों के तंत्रोक्त मंत्र | ग्रह के नाम मंत्र | mantra aarth or unke labh/12 rashi ke mantra or unke laabh


प्रत्येक जातक को अपनी सुविधानुसार प्रतिदिन अपनी राशि के अधिष्ठित मंत्र
की कम-से-कम एक माला जाप करते रहने से शुभ फल की प्राप्ति होती है या के
जब-जब आप पर संकट मंडरा रहा हो तो निम्न मंत्र का जप करें निश्चय ही आप
जीवन के सफलता की चोटी को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

vedashree jyotish
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  1. मेष-आपके प्रधान देवता श्री हनुमान हैं जो अत्यन्त बलशाली, मक्तों के
    कष्टों को दूर करने में समर्थ एवं सहायक हैं। अतः प्रत्येक मंगलवार को गेहूं के आटे
    की रोटी बनाकर गुड़, घी डालकर लड्डू बनाकर भोग लगायें तो यह उपाय सर्व
    मनोकामना सिद्धि देने वाला है।
    मंत्र-ॐ हूं श्री मंगलाय नमः।
    जप संख्या-18,000
  2. वृष-आपके प्रधान देवता कार्तवीर्यार्जुन हैं जो कि देवता में श्रेष्ठ, प्रधान
    आकर्षण रखने तथा सभी प्रकार के बाधाओं को दूर कर सर्व कार्य निर्विघ्नतापूर्वक
    करने वाले हैं-इनकी मूर्ति पूजागृह में स्थापित करें।
    मंत्र – ॐ ह्रीं श्री शुक्राय नमः।
    जप संख्या-21,000
  3. मिथुन-आपका प्रधान देवता लक्ष्मी है। गृह में लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठापित
    करें तथा सुबह में शौच क्रिया से निवृत्त होकर निम्न मंत्र का जप करें-
    मंत्र-ॐ ऐं स्त्रीं श्री बुधाय नमः।
    जप संख्या-14,000
  4. कर्क-आपका प्रधान देवता शंकर हैं। नित्य दर्शन कर ही भोजन करें। घर
    में शंकर की मूर्ति स्थापित करें तो सर्वमनोकामना सिद्धि होगी।
    मंत्र-ॐ श्री क्रीं चं चंद्राय नमः।
    जप संख्या-11,000
  5. सिंह – आपका प्रधान देवता सूर्य है। सूर्योपासना करें। उगते सूर्य का दर्शन
    कर नित्य कार्यों में संलग्न हों तत्पश्चात् निम्न मंत्र का जप करें तो प्रत्यक्ष फल स्वयं
    देख सकेंगे। मंत्र-ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः जप संख्या 10,000.
  6. कन्या – आपका प्रधान देवता भगवान् कृष्ण हैं। भगवान कृष्ण का ध्यान कर
    पीले चावल, पीले रंग का मीठा हलवा का भोग लगावें तो विशेष उन्नति के अवसर
    मिलते जायेंगे।
    मंत्र – ॐ ह्रीं पीताम्बराय परमात्ने नमः।
    जप संख्या-12,000
  7. तुला -इस राशि वालों को भगवान् श्रीराम का सपरिवार पूजन करना
    लाभप्रद रहेगा। अति प्रिय लगने वाले राम को मिष्ठान सहित पूजन करना चाहिए।
    मंत्र-ॐ शुं शुक्राय नमः।
    जप संख्या-16,000
  8. वृश्चिक-आपके आधिपत्य देवता नरसिंह हैं। यदि संभव हो तो नरसिंह
    का दर्शन कर नरसिंह पुराण का पाठ करें तथा निम्न मंत्र का जप करें-
    मंत्र – ॐ हुं श्री मंगलाय नमः।
    जप संख्या-9000
  9. धनु-आपके प्रधान देवता विष्णु हैं। अतः आप विष्णु की ही सतत उपासना
    करें। प्रातः इनका ही दर्शन कर अन्य कार्यों में लगें तो श्रेयस्कर होगा।
    मंत्र – ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
    जप संख्या-16,000
  10. मकर-मकर राशि वालों को गोविन्द गोपाल की पूजा करनी चाहिए। गाय
    को हरा चारा और पेड़ा, शक्कर डालकर खिलायें। कृष्ण सहित ग्वाल-बालों का ध्यान
    करें।
    मंत्र-ॐ ह्रीं श्री क्रीं धरणीधराय नमः।
    जप संख्या-17,000
  11. कुम्भ-आपके इष्ट कुबेर हैं। नित्य कुबेर की उपासना करनी चाहिए
    संभव हो तो अमोघ मंत्र का नित्य जप और इष्ट का पूजन करें तो निश्चय ही जीवन
    सुख-सुविधापूर्ण और श्री सम्पन्न होगा।
    मंत्र-ॐ ऐं ह्रीं श्री शनैश्चराय नमः।
    जप संख्या-20,000
  12. मीन-श्री जगदम्बा इनकी आराध्य मानी गई हैं। घर में जगदम्बा की मूर्ति
    स्थापित कर श्वेत पुष्पों से पूजा करें और नित्य निम्न मंत्र का जप करें तो सर्वसिद्धि
    मिलेगी।
    मंत्र-ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः।
    जप संख्या-16,000

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