यदि आपके जन्म कुंडली में चन्द्रमा कमजोर है या आपको अशुभ फल डे रहे है तो आपको ए उपाय आपके जीवन में 100% बदलाव लायेंगे |

chandra grah ke upay

आपकी कुंडली में यदि चन्द्रमा कमजोर है तो करे ये उपाय होगी सभी मनोकामनाए पूरी

: Bhartat disnare Chabndra Grahan chandrama ke upaaya| चन्द्रमा के उपाय.
: Bhartat disnare Chabndra Grahan


चंद्र दोष कैसे दूर करें?

यह उपाय आपके जीवन में बदलाव लायेंगे और आपका जीवन एक बहतरीन और शुभ फल देने वाला होगा | आपका निचे दिया गए यह उपाय करे आपको शुभ फल जल्द मिले गा |

  • भगवान शिव की उपासना तथा आराधना करने से चंद्र पीडा से निवारण होता है।
  • माता-पिता, बुजुर्ग, साधू व ब्राह्मणों की सेवा करने से करने से चंद्र पीडा से निवारण होता है ।
  • उनका पांव छूकर आशीर्वाद लेने से चन्द्र ग्रह का अनिष्ट दूर हो जाता है ।
  • सोमवार का व्रत रखने से भी चन्द्रदोष दूर होता है।
  • दूध, दही व चावल या चांदी सोमवार के दिन ब्राह्मण को दान करना शुभ फलदायक होता है।
  • खाट या पलंग के पायों में चांदी का कील ठोक दें और उसी को उपयोग में लाएं।
  • करें ।
  • पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान या अन्य कोई नदी में स्नान
  • चांदी के अंगूठी में 5 रत्ती का मोती जड़वा कर दाहिने हाथ
  • की कनिष्ठिका उंगली में धारण करें ।
  • यदि जातक की पत्रिका में प्रथम भाव का चन्द्रमा अनिष्टकारक है।
  • तो वह शीशे के बर्तन में पानी न पीएं ।
  • यदि चन्द्र दशम भाव में है तो जातक को रात को दूध पीना जहर के समान है ।
  • जातक पानी की टंकी की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदी में नित्य स्नान करना जातक के लिए श्रेष्ठ होगा ।
  • घर की पूज्य स्त्रियों (माता, दादी, नानी) स्त्रियों से आशीर्वाद प्राप्त करें ।
  • चन्द्रमा की शांति हेतु रत्न एवं वस्त्र का दान करे

चन्द्रमा का ये रत्न बदल सकता है आपकी किस्मत हर काम में मिलेंगी सफलता .

चन्द्र से पीड़ित व्यक्ति को श्वेत मोती तथा श्वेत पुखराज का दान श्वेत व्यक्ति को करना चाहिये। सफेद रंग के वस्त्र बांटने तथा धारण करने से चन्द्रजनित पीड़ा का निवारण होता है। मंदिरों के लिये श्वेत शंख भेंट करना चाहिये । chandrama ke upaaya| चन्द्रमा के उपाय.

चन्द्रमा की अनुकूलता हेतु औषधि स्नान

चन्द्र दोष से पीड़ित जातक को नित्य पंचगव्य से स्नान करना अत्यन्त लाभदायक है। पंचगव्य में गाय के दूध, दही, घी, गोबर तथा मूत्र का मिश्रण होता है। इसके अतिरिक्त स्नान के जल से फि टकरी, सफेद चन्दन, हाथी का मद आदि भी मिला लिया जाए, तो भी श्रेष्ठ परिणाम दृष्टिगोचर होता है। उक्त सामग्रियों से यदि नित्य स्नान न कर सकें, तो सोमवार को अवश्य ही करना चाहिये ।

कष्टों से मुक्ति के लिए और चन्द्र दोष निवारण के लिए कीजिये यह कीजिये.

चन्द्र ग्रह से संबंधी दान चन्द्र के वार सोमवार या चन्द्र के नक्षत्र रोहिणी, हस्त या श्रवण में करना चाहिए। दान में स्वयं के वजन के बराबर चावल, श्वेत श्वेत वस्त्र, कपूर, चांदी, शुद्ध सफेद चंदन, वंश फल, श्वेत पुष्प, चीनी, वृषभ, दधि, मोती, दक्षिणा साहित ब्राह्मण को या शिव भगवान के मंदिर में दान करना चाहिए।

जानिए चन्द्रमा का जाप करने की विधि. चंद्रमा का जाप कैसे करें?

जिन जातक की पत्रिका में चंद्रमा कमजोर हो उन्हें चंद्र ग्रह को बलवान बनाने के लिए या चंद्र ग्रह की शांति के लिए चंद्र भगवान का मंत्र 44,000 बार अनुष्ठान करके मोती की माला से स्वयं जाप करना चाहिए या किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा संकल्प देकर जप का अनुष्ठान करवाना चाहिए। जितनी संख्या में जप हुए हो। उसका दशांश अर्थात दसवा भाग (10%) मंत्र संख्या से हवन करना चाहिए। हवन की मंत्र संख्या के दान

चन्द्र ग्रह से संबंधी दान चन्द्र के वार सोमवार या चन्द्र के नक्षत्र रोहिणी, हस्त या श्रवण में करना चाहिए। दान में स्वयं के वजन के बराबर चावल, श्वेत श्वेत वस्त्र, कपूर, चांदी, शुद्ध सफेद चंदन, वंश फल, श्वेत पुष्प, चीनी, वृषभ, दधि, मोती, दक्षिणा साहित ब्राह्मण को या शिव भगवान के मंदिर में दान करना चाहिए।

दशांश का तर्पण करना चाहिए। तथा तर्पण के दशांश का मार्जन करना चाहिए। यदि हवन, तर्पण तथा मार्जन जातक न कर सकें या न करवा सकें तो उतनी ही संख्या के जाप और करने चाहिए ।

चंद्र के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।

चंद्र ग्रह का बीज मंत्र

ॐ सों सोमाय नमः

बीज मन्त्र – ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः

चंद्रमा का दान क्या है?

चंद्र (सोमवार) : चंद्र के लिए सफेद कपड़ा, मोती, चाँदी, चावल, चीनी, दही, शंख, सफेद फूल, साँड आदि का दान किया जाता है।

चन्द्रमा का व्रत कैसे किया जाता है ?

54 सोमवारी तक या 10 सोमवारी तक करना चाहिए। व्रत के दिन श्वेत वस्त्र धारण कर ॐ श्रां श्रीं श्रीं सः चंद्राय नमः इस मन्त्र का 11 या 5 अथवा 3 माला जप करे। भोजनमें बिना नमक के दही, दू, चावल, चीनी और घी से बनी चीजें ही खावे। इस व्रत के करने से व्यापार में लाभ होता है। मानसिक कष्टों की शांति होती है। विशेष कार्य सिद्धि में यह व्रत पूर्ण लाभदायक होता है ।

चंद्रमा को मजबूत कैसे बनाएं? चन्द्रमा शांति के लिए करे उपाय.

जिन जातक की पत्रिका में चंद्रमा बलहीन या अनिष्टकारक हो उन्हें शिवाष्टक करने से विशेष श •भ फल की प्राप्ति होती है।

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रहम् वेदस्वरूपं ॥ निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ग्यान गोतीत मीशं गिरीशं । करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसारपारं नतोऽहं ॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं ॥ स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारुगंगा, लसद्भालबालेन्दु कंठे भुजंगा ॥ चलत्कुंडलं भू सुनेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकंठ दयाल | मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि || प्रचंड प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखंडं अजं भानुकोटिप्रकाशं ॥ त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं ॥

कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सज्जनानंददाता पुरारी ॥ चिदानंद संदोह मोहपहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ न यावद् उमानाथ पादारविंदं, भजंतीह लोके परे वा नराणां ॥ न तावत्सुखं शांति सन्तापनाशं, प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शंभुतभ्यं ॥ जरा जन्म दुःखौद्यतातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नमामीश शंभो ॥ ओम रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ॥ ये पठन्ति नरा भक्तया तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥

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