बुध यंत्र के पूजा से बुद्धि कुशाग्र होती है.
बुध यंत्र
बुध ग्रह अशुभ होने से गले के रोग, हिस्टीरिया, चक्कर आना, त्रिदोष ज्वर, टाइफाइड, पांडु मंदाग्नि, उदर रोग आदि होते हैं। बुध ग्रह का संबंध सौम्यता तथा बुद्धि से है। विशेष रूप से इसका प्रभाव बुद्धि पर रहता है। वर्तमान युग में बुद्धि का और भी महत्व बढ़ गया है। आज जितनी भी विज्ञान ने उन्नति की है वह साखात मानव बुद्धि का ही चमत्कारिक फल है। बुध यंत्र की साधना विशेषतया निर्मल बुद्धि तथा विद्या के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए लाभकारी होती है। इस यंत्र के प्रतिदिन दर्शन मात्र से व्यक्ति की बुद्धि कुशाग्र होती है, व्यवहार में सौम्यता की वृद्धि होती है
साक्षात्कार आदि में सफलता मिलती है। जीवन में अनावश्यक रूप से बुद्धि भ्रमित नहीं होती है।
यंत्र का उपयोग जन्म कुंडली में यदि बुध ग्रह अशुभ या निर्बल हो अथवा बुध ग्रह की महादशा अंतरदशा के समय इस यंत्र की अपने घर में नित्य पूजा करने से उत्तम सुख शांति प्राप्त होती है। साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त करने के लिए इस यंत्र की नित्य पूजा करने से साक्षात्कार में सफलता मिलती है।
श्री बुध यन्त्रम्
विशेष शीघ्र सफलता के लिए इस यंत्र में अंकित मंत्र का यंत्र के सम्मुख बैठकर नित्य जप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। मंत्र: ॐ ब्रां] ब्रीं श्रीं सः बुधाय नमः।
गजाननं भूतगणाधिसेवितं,
कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकम्न,
मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥