सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के उपाय

आपके कुंडली में किस स्थान में रवि ग्रह है? sury grah

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  1. यदि सूर्य प्रथम स्थान में स्थित हो तो रविवार के दिन नदी तालाब या नहर में गुड बहाना चाहिए |
  2. यदि सूर्य द्वितीय भाव में हो तो नारियल , तेल , बादाम, धर्मं स्थान अर्थात मंदिर में रविवार को दान करते रहना चाहिए |

यदि सूर्य sury grah सप्तम भाव में स्थित हो तो गृहस्थ जीवन तथा संतान पर अशुभ प्रभाव पड़ता है | जातक को जमीन में तांबे के चौकौर तुकडे दबाना लाभप्रद होगा अथवा मीठा मुह में डालकर या पानी के घूंट पीकर काम प्रारंभ करना शुभता प्रदान करेगा | इसके अतिरिक्त गाय की सेवा करना लाभप्रद होगा | sury grah

आपके कुंडली में किस स्थान में रवि ग्रह है?  sury grah  यदि सूर्य प्रथम स्थान में स्थित हो तो रविवार के दिन नदी तालाब या नहर में गुड बहाना चाहिए |  यदि सूर्य द्वितीय भाव में हो तो नारियल , तेल , बादाम, धर्मं स्थान अर्थात मंदिर में रविवार को दान करते रहना चाहिए |
पंचायतन देवता ध्यान मंत्र

सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के उपाय : –

  • सूर्य भगवान की प्रसन्नता के लिए श्री हरी ( विष्णु भगवान ) की पूजा करनी चाहिए | हरिवंश पूरण का पाठ करे | भगवान विष्णु की ह्रदय से उपासना करना बहुत हितकर होगा |
  • सूर्य भगवान की प्रसन्नता के लिए रविवार का व्रत रखे | उपवास में एक वक्त मीठा भोजन केवल रात्रि में ही करे उपवास में कोइसा भी नमक कदापि न खाए तथा क्रोध न करे |
  • सूर्य गृह की प्रसन्नता के लिए अपने चरित्र को ठीक रखे अर्थात गलत कार्यो से दूर हो जाये |
  • सूर्य भगवान की प्रसन्नता के लिए सूर्य गृह की वस्तुए जैसे तम्बा व गेहू दान करे |
  • भवन ( घर ) का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में रखे |
  • तांबे की अंगूठी हाथ की अनामिका उंगली में धारण करे
  • माणिक सोने की अंगूठी में बनाकर अनामिका अंगुली में रविवार को पहने |
  • प्रतिदिन सूर्य भगवान को जल चढ़ाये ( अर्ध्य दे ) | तांबे के कलश से जल चढ़ाये तथा जल में गुड भी डाले |
  • रविवार को सूर्य भगवान को लाल फूल चढ़ाये |
  • सूर्य नमस्कार नित्य करे या सूर्य भगवान को बारह बार साष्टांग दंडवत प्रणाम करे ( केवल पुरुष ) |

क्या आपको पता है सूर्य भगवान को कैसे जल ( अर्घ्य ) चढ़ाया जाता है ? sury grah

सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के उपाय
सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के उपाय
  • जन्म पत्रिका में यदि सूर्य अनिष्टकारक स्थिथि में हो तो ऐसे जातक को नित्य ही सूर्योदय होते ही स्नान से पवित्र हो जाये और पूर्व दिशा की और मुख करके गुड डाले हुये मीठे जल से सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए |
  • अर्घ्य देते समय जल से भरा कलश दोनों हाथो से पकड़कर सर से ऊपर ले जाये और फिर धीरे – धीरे जल अर्घ्य देते हुये जमीन पर गिराए | गिरते हुये जल के मध्य से सूर्यदेव का दर्शन करना चाहिए | साथ ही निम्न मंत्र का मुख से पवित्रतापूर्वक ह्रदय की सच्ची भावना से उच्चारण करना चाहिए |

एही सूर्य सहस्त्रांशो तेजो राशो जगत्पते | अनुकम्पय माँ भक्त्या ग्र्हनाध्र्य नमोस्तुते

आपके कुंडली में यदि सूर्य भगवान अशुभ फल देते है तो ये वस्तुए करिए दान : – sury grah

  • सूर्य द्वारा पीड़ित जातक यदि सूर्य के रत्न माणिक्य का विधिपूर्वक एवं विनम्रता से सुयोग्य पात्र का दान करे तो अनुकूल प्रभाव जातक को प्राप्त होता है |
  • दोष रहित रत्न को गंगाजल से शुद्ध कर गंधाक्षत से पूजित करे तथा ॐ घ्रुनी:सूर्याय: नम : मंत्र के १०८ मंत्र का जप कर दान कर देना चाहिए |
  • लाल तथा सिंदूरी एव गुलाबी वस्त्रों का दान जरुर्मंद निर्धन , सुपात्र तथा ब्राहमण को देना चाहिए |
  • सूर्य गृह से संबंधी दान सूर्य के वार रविवार या सूर्य के नक्षत्र कृतिका ,उत्तरफाल्गुनी या उत्तराषाढ़ा में करना चाहिए |
  • दान में स्वयं के वजन के बराबर गेहू ,लाल और पीले रंग के वस्त्र ,लाल फल ,लाल मिठाई ,सोना ,गाय ,गुड ,तांबा ,दक्षिणा सहित ब्राह्मण को या विष्णु भगवान या राम भगवान या कृष्ण भगवान के मंदिर में दान करना चाहिए |

सूर्य मंत्र का जप कैसे करते है ?

जिन जातक की पत्रिका में सूर्य कमजोर हो उन्हें सूर्य गृह को बलवान बनाने के लिए या सूर्य गृह की शांति के लिए सूर्य भगवान का मंत्र २८००० बार अनुष्ठान करके लाल चंदन की माला से स्वयं जप करना चाहिए या किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा संकल्प देकर जप का अनुष्ठान करवाना चाहिए | जितनी संख्या में जप हुए तो उसका दशांश अर्थात दसवा भाग ( 10 % ) मंत्र संख्या से हवन करना चाहिए | हवन की मंत्र संख्या के दशांश का तर्पण करना चाहिए | तथा तर्पण के दशांश का मार्जन करना चाहिए | यदि हवन , तर्पण तथा मार्जन जातक न कर सके या न करवा सके तो उतनी ही संख्या के जप और करने चाहिए |

सूर्य के लिए निम्न मंत्र का जप करना चाहिए |

ॐ घ्रुनी सूर्याय नम:

बीज मंत्र – ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः. 

जानिए सूर्य भगवान का व्रत कैसे करते है : –

  • सूर्य भगवान का व्रत एक वर्ष या ३० रविवारो तक अथवा १२ रविवारो तक करना चाहिए |
  • व्रत के दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करके ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः. इस मंत्र का १२ या ५ अथवा ३ माला जप करे |जप के बाद शुद्ध जल ,रक्त चंदन ,अक्षत,लाल पुष्प ,और दूर्वा से सूर्य को अर्ध्य दे |
  • भोजन में गेहू की रोटी ,दलिया ,दूध ,दही ,घी और चीनी खावे | नमक नाही खावे |
  • इस व्रत के प्रभाव से सूर्य का अशुभ फल शुभ फल में परिणत हो जाता है , तेजस्विता बढती है , शारीरिक रोग शांत होते है , आरोग्यता प्राप्त होती है |

सूर्य की अनिष्ट शांति के लिए केशर ,जेठी मधु, कमलगट्टा ,इलायची ,मन : शील ,खस ,देवदास और पाटला से स्नान करना चाहिए | “

पंचायतन देवता ध्यान मंत्र
पंचायतन देवता ध्यान मंत्र

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