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जन्म कुंडली देखने का सबसे आसन तरीका और सटीक बात बता सके | आपकी जन्म कुंडली कैसे दिखी जनि छिय या देख सकते है |

जन्म कुंडली में सर्व प्रथम हमें देखना है | लग्न में आणि १st house में कोनसी राशी है , उसी राशी के अनुसार आगे राशी के अंक (Numbers) लिखे होते है, in अंक को 12 राशी के अनुसार लिखा होता है | जैसे की

12 राशीराशी के स्वामी
12 राशीराशी के स्वामी
मेषमंगल ग्रह
वृषभशुक्र ग्रह
मिथुनबुध ग्रह
कर्कचन्द्र ग्रह
सिंहसूर्य ग्रह
कन्याबुध ग्रह
तुलाशुक्र ग्रह
वृश्चिकमंगल ग्रह
धनुगुरु ग्रह
मकरशनि ग्रह
कुंभशनि ग्रह
मीनगुरु ग्रह

राशी के स्वामी होते है | लग्न कुंडली में राशी स्थित होगी है| अब हमें ग्रह देखने है | कोनसा ग्रह किस राशी में स्थित है | आपने स्वराशी में स्थित है , कोंसे house में भाव में है | उने अनुसार हमें फल मिलेगा | उस यक्ति के बारे में जाने को मिलेगा |और भी नियम होते है |

जन्म कुंडली कैसे बनाई जाती है?

जन्म कुंडली एक ऐसा चार्ट है जो किसी व्यक्ति के जन्म के समय और स्थान के आधार पर बनाया जाता है। यह चार्ट व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि उसका स्वभाव, करियर, संबंध, स्वास्थ्य आदि।

जन्म कुंडली बनाने के लिए निम्नलिखित जानकारी की आवश्यकता होती है:

  1. व्यक्ति का नाम
  2. व्यक्ति का जन्म तिथि (दिन, महीना, वर्ष)
  3. व्यक्ति का जन्म समय (घंटा, मिनट, सेकंड)
  4. व्यक्ति का जन्म स्थान (स्थान, शहर, देश)

इन जानकारियों के आधार पर, एक ज्योतिषी या कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा जन्म कुंडली बनाई जाती है। जन्म कुंडली में निम्नलिखित तत्व होते हैं:

  1. लग्न (Ascendant): यह वह बिंदु है जहां से कुंडली शुरू होती है।
  2. राशि (Signs): कुंडली में 12 राशियां होती हैं, जैसे मेष, वृष, मिथुन आदि।
  3. ग्रह (Planets): कुंडली में 9 ग्रह होते हैं, जैसे सूर्य, चंद्र, मंगल आदि।
  4. भाव (Houses): कुंडली में 12 भाव होते हैं, जैसे पहला भाव, दूसरा भाव, तीसरा भाव आदि।

जन्म कुंडली के आधार पर, ज्योतिषी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है, जैसे कि उसका स्वभाव, करियर, संबंध, स्वास्थ्य आदि।

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