महाशिवरात्री

महाशिवरात्रि ला हे व्रत केल्याने मह्देवाची भक्तांवर कृपा होते. MAHASHIVRATRI 2021 महाशिवरात्रीव्रत: ‘अर्धरात्रियुता यत्र माघकृष्णचतुर्दशी । शिवरात्रिव्रतं तत्र सोऽश्वमेधफलं लभेत् ।।’ महाशिवरात्री  :- अर्थात ज्या अर्धरात्री माघ कृष्ण चतुर्दशी असेल त्या दिवशी उपवासपूर्वक शिवरात्रीव्रत करुन शिवपूजन केल्यास अश्वमेध यज्ञाहून अधिक फल मिळते. या दिवशी प्रदोषकाळी किंवा निशिथकाळी स्नान करुन भस्मधारण करावे व रुद्राक्षमाला धारण करुन…

लक्ष्मी-माता

लक्ष्मी-चरित्र, एक बार देवताओं ने अमृत प्राप्ति के लिए समुद्रमन्थन का विचार किया। समुद्रमन्थन के लिए देवगण अकेले तो सक्षम नहीं थे, अतः उन्होंने देत्यों को भी इस कार्य को करने के लिए आमन्त्रित कर अपने साथ ले लिया। फलतः देवता और दैत्यों दोनों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया।

अंगारिका चतुर्थी

अंगारिका चतुर्थी एक अत्यंत महत्व पूर्ण मानिजाती है | मंगल वारके दिन आनेवाली चतुर्थी को अंगारिका चतुर्थी कहाजाता है, इस साल अंगारिका चतुर्थी 2021 में 2 मार्च को है, यह माघ मास अत्यंत मंगल कारी अंगारिका चतुर्थी है. इस दिन अनेक भक्त गणेशजी को अभिषेक और मोदक का भोग लगते है | अंगारिका चतुर्थिका माहात्म्यं गणेश पुराण में मिलता है | गणेश पुराण के अनुसार अंगारिका चतुर्थी अत्यंत मंगल मई है | गणेश पुराण के अनुसार अंगारिका चतुर्थी का महात्म्य इस प्रकारसे है…

पंचायतन देवता ध्यान मंत्र

Ratha Saptami 2021

  रथसप्तमी तथा भगवान सूर्यकी महिमा दि. 19 फेब्रुवारी 2021 Ratha Saptami 2021 ब्रह्माजी बोले-हे रुद्र! माघ मासके शुक्ल पक्षकी षष्ठी तिथिको उपवास करके गन्धादि उपचारोंसे भगवान् सूर्यनारायणकी पूजाकर रात्रिमें उनके सम्मुख शयन करे। सप्तमीमें प्रात:काल विधिपूर्वक पूजा करे और उदारतापूर्वक ब्राह्मणोंको भोजन कराये। इस प्रकार एक वर्षतक सप्तमीको व्रतकर रथयात्रा करे। कृष्णपक्षमें तृतीया तिथिको…

मकर संक्रांती 2021

मकर संक्रांत विषयी माहिती. संक्रांतीचा पर्वकाळ. – दिनांक 14/1/2021 गुरुवारी सकाळी 8:14 ते दुपारी 4:14 मि. पर्यंत. पुण्यकाळ आहे. संक्रांतीच्या दिवशी तीलमिश्रित पाण्याने स्नान करावे. तीळाचे उटणे लावावे. तीलहोम, तील तर्पण, तील दान, तील भक्षण करावे. तील दान, तर्पण , होम हवन..आदी केल्याने पापांचा नाश होतो. या काळात दान तर्पण…आदी केल्याने पुण्य प्राप्ती होते. गुरवारी…

मकर संक्रांति के बारे में जानिये|

मकरसंक्रांति के बारे में जानिये | पुण्या: षोडश नाड्यस्तु परा: पूर्वास्तु संक्रमात्। त्रिंशत्कर्काटके पूर्वाश्चत्वारिंशत्परा मृगे ॥ अस्तादूर्ध्वं तु मकरे रात्रौ संक्रमणं रवेः। तदोत्तरदिनं पुण्यं मध्याह्नात्प्राक् प्रकीर्तितम् ॥ * संक्रांति * पूर्वं परित्यज्य यदा ग्रहाणां राशिं परं प्रत्ययनं स कालः। संक्रांतिवाच्योऽयमतिप्रशस्त: स्नाने च दाने च रवेर्विशेषात् ॥ मकरसंक्रांत पौष मास में जब सूर्य धनु राशि को…