रत्न और उपरत्न
Ratn or Uparatna ग्रहोके रत्न ओर उपरत्न की पूरी जानकारी
Ratn or Uparatna ग्रहोके रत्न ओर उपरत्न की पूरी जानकारी
उपवास जब हम सोते हैं तब हृदय के अतिरिक्त शरीर के सभी अंग विश्राम करते हैं। लेकिन हमारा पेट ही विश्राम नहीं करता विश्राम के पश्चात् स्फूर्ति प्राप्त होती है जिससे हमें अधिक काम करने का प्रोत्साहन मिलता है। यदि हम अपने पेट को भी आराम देना शुरू कर दें तो हम हमेशा निरोग रहेंगे। इस छोटे से गुरु मंत्र से हम कितने निरोगी होंगे इसका अनुमान वही लगा सकता है जो पहले रोगी रहा हो।
भगवान सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं। इनकी महादशा छ वर्ष की होती है सूर्य की
जननशांति म्हणजे काय
दक्षिणवर्ती शंख भारतीय संस्कृति में शंख की अपार महिमा एवं उपयोगिता बताई गई है। समृद्धि और आयु के वर्धन और दरिद्रता के शमन के साथ-साथ देवी-देवताओं के पूजन, ज्योतिष और तांत्रिक साधनाओं एवं शुभ कार्य के प्रारंभ में इसकी विशेष उपयोगिता बताई गई है। शंख भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप में उनके एक हाथ का आभूषण है।
विवाहकार्यात वधूवरांच्या जन्मकुंडल्याचे घटितमेलन करताना वधूच्या जन्मकुंडलीमध्ये पतिवियोग वा वैधव्यदर्शक कुयोग आहे असे सांगितलेले असेल तर साहजिकच मन सचिंत होते. ज्यांचा भविष्यशास्त्रावर यत्किंचितही विश्वास नसतो अशा लोकांच्या मनातही शंकेची पाल चुकचुकते.
उदक शांति पूजा, घर में शांति और सद्भाव के लिए की जाती है. ‘उदकशांती’ बद्दल समाजात विविध कल्पना, संकल्पना, समज, गैरसमज आणि रूढी ह्यांची मोठीच गल्लत झालेली दिसून येते. काही जण तर केवळ ‘उदकशांती’ हा शब्द कानावर पडला तरी अंगावर पाल पडल्याप्रमाणे दचकतात. ह्या सर्व प्रकारांमागे एकच कारण म्हणजे उदकशांतीविषयीचे अज्ञान व गैरसमज होय. तेव्हा…
pradosh vrat | प्रदोष व्रत आपल्या सर्व कामना पूर्ति करणारे विशेष व्रत आहे ! 2024 का पहला प्रदोष व्रत कब? साल का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा। जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन होता है, उसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भौम प्रदोष के दिन व्रत रखने से व्यक्ति…
कालसर्पयोग म्हणजे काय ?
प्राचीन ग्रंथांमध्ये कालसर्पयोगाचा उल्लेख आढळत नाही. तथापि, काही ठिकाणी सर्पयोगाचा उल्लेख मात्र आलेला आहे.
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