vedashree jyotish bhruhad parashar

भृगु संहिता से भविष्य जाना जाता है ! bhrugu sahita

भृगु सहित क्या है ? bhrugu sahita

भृगु संहिता का ज्ञान एक बहुत ही पुराना ग्रंथ के रूप में भृगु ऋषि ने लिखा था। बताया जाता है कि भृगु ऋषि दुनिया के हर आदमी और औरत की कुंडली उसके अंदर थी।

जो भी मानव धरती पर पैदा हुआ उसकी कुंडली उसे ग्रंथ में पाई जाती थी । लेकिन वह किताब, या वह ग्रंथ आज दुनिया में कहां है किसी को नहीं पता। उसे ग्रंथ में कुंडली का फलादेश करने की बहुत ही अच्छी विधि लिखी हुई थी। उसे ऋषि के नाम से ही यह ग्रंथ सैकड़ो सालों तक दुनिया में इसकी कामयाबी सफल रही थी।

कालसर्प योग काय आहे? kalsarpa yog
कालसर्प योग काय आहे? kalsarpa yog

भृगु ज्योतिष एक प्राचीन ज्योतिष ग्रंथ है जो महर्षि भृगु के नाम से जाना जाता है। इस ग्रंथ में विभिन्न ज्योतिष विधाओं के बारे में बताया गया है जैसे कि राशि, नक्षत्र, ग्रह आदि। इस ग्रंथ का उपयोग भविष्यवाणी के लिए किया जाता है। इस ग्रंथ के अनुसार, ज्योतिष विद्या ब्रह्म विद्या का एक अंग है जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताती है।

भृगु ज्योतिष से भविष्य वाणी कीजती है| bhrugu ज्योतिष astrology

हाँ, भृगु ज्योतिष एक प्राचीन ज्योतिष ग्रंथ है जो महर्षि भृगु के नाम से जाना जाता है। इस ग्रंथ में विभिन्न ज्योतिष विधाओं के बारे में बताया गया है जैसे कि राशि, नक्षत्र, ग्रह आदि। इस ग्रंथ का उपयोग भविष्यवाणी के लिए किया जाता है। इस ग्रंथ के अनुसार, ज्योतिष विद्या ब्रह्म विद्या का एक अंग है जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताती है।

ज्योतिष astrology किस प्रकार देखी जाती है? क्या देखा जाता है?

जन्म कुंडली एक ज्योतिष चार्ट होता है जो आपके जन्म के समय और स्थान के आधार पर बनाया जाता है। इसमें आपकी जन्म राशि, नक्षत्र, ग्रहों की स्थिति और अन्य ज्योतिषीय विवरण शामिल होते हैं। जन्म कुंडली आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताती है जैसे कि आपकी व्यक्तित्व गुण, शिक्षा, करियर, स्वास्थ्य, वैवाहिक जीवन आदि।

कीस भाव से क्या देखा जाता है? कुंडली कीस प्रकार कि होती है?

जन्म कुंडली में आपके लिए विभिन्न भाव होते हैं जो आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। यहां नीचे दिए गए ज्योतिषीय भावों के बारे में बताया गया है:

vedashree jyotish bhruhad parashar
vedashree jyotish bhruad parashari bhrugu sahoita
  1. लग्न भाव: यह आपकी व्यक्तित्व और शारीरिक रूप से आपके बारे में बताता है।
  2. धन भाव: यह आपकी आर्थिक स्थिति और धन संबंधी मुद्दों के बारे में बताता है।
  3. भाग्य भाव: यह आपके भाग्य और भविष्य के बारे में बताता है।
  4. कर्म भाव: यह आपके कर्म और करियर के बारे में बताता है।
  5. शिक्षा भाव: यह आपकी शिक्षा और ज्ञान संबंधी मुद्दों के बारे में बताता है।
  6. संतान भाव: यह आपके संतान और परिवार संबंधी मुद्दों के बारे में बताता है।
  7. विवाह भाव: यह आपके वैवाहिक जीवन और संबंधों के बारे में बताता है।
  8. रोग भाव: यह आपके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में बताता है।

क्या वास्तव में भृगु संहिता में किसी व्यक्ति के भूत भविष्य वर्तमान को बताया गया है, और ये पुस्तक कहाँ मिल सकती है?

१९८८ की साल में मुझे पुस्तकालय से भृगु संहिता की पुस्तक मिली थी | जो गुजराती में अनुवाद था |

वो पुस्तक प्रवीण प्रकाशन, राजकोट (गुजरात ) की थी |

उसमे बहुत सी जनमकुण्डली से हमे अपनी कुंडली निकलकर ( जैसे हम डिक्सनरी से ढूंढते है ) उसका फलकथन मिलता है जो पूर्वजन्म भी बताती थी | मेने अपनी कुंडली देखि थी जो उस वक़्त ८०% फलकथन सही निकला था |

उसमे हमारे वर्तमान संकटो का पूर्वजन्मसे क्या सम्बन्ध है वो भी मिलता है | उसका निवारण भी मिलता है | मेरे दो तीन मित्रो को भी उनसे अच्छा फायदा मिला | मूल संस्कृत हस्तलिपि का अनुवाद कितना सही है उस पर ही फलकथन का आधार है |

आज वो पुस्तक ढूंढता हु लेकिन मुझे नहीं मिल रही | वो पुस्तक किसी हस्तप्रद का अनुवाद था , जो किसी ब्राह्मण परिवार की धरोहर थी | मेरे मित्र के पिताजी वो पुस्तक का उपयोग करके कई लोगो को जीवनमे सही मार्गदर्शन करते थे |

अपने पूर्वजो के ज्ञानका अपमान करने और आलोचना वाले नास्तिक लोगोके कारन ही लोग ये ज्ञान प्रकाशित नहीं करते |

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *