shree ganesh stotra ॥ श्री गणेशमानस पूजा स्तोत्र ॥

shree ganesh stotra

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॥ श्री गणेशमानस पूजा स्तोत्र ॥

ध्यानं- नेत्री दोन हिरें प्रकाश पसरे अत्यंत तें साजिरें

माथा शेंदूर पाझरें वरिबरें दुर्वाकुरांचे तुरे ।

माझे चित्त विरो मनोरथ पुरे देखोनि चिंता हरे

गोसावी सुत वासुदेव हरि रे त्या मोरयाला स्मरे ।।

ॐ भूर्भुवः स्वः ऋद्धि सिद्धि सहित विघ्नहर्त्रे महा गजानन चिंतामणी देवताभ्यो नम:। ध्यायामि चिंतयामि नमस्करोमि। आवाहनार्थे आसनार्थे सर्वोपचारार्थे प्रार्थनापूर्वक नमस्करोमि।

श्री गणेशाय नमः । श्री सरस्वत्यै नमः । श्री गणपतये नमः ॥

नानारत्नविचित्रकम् रमणिकम् सिंहासनम् कल्पितम्

स्नानंजान्हविवारिणाम् गणपते पीतांबरंगृह्यताम् ।।

कण्ठे मौक्तिकमालिकाम् श्रुतियुगे द्वे धारिते कुण्डले ॥

नानरत्नविराजितो रविविभा युक्त: किरिटि: शिरें ||१||

भाले चर्चितकेशरम् मृगमदामोदांकितंचंदनम् ।।

नानावृक्षसमुद्गतंसुकुसुमंमंदारदुर्वाशमीः ।

गुग्गुल्लोद्भवधूपकंविरचितंदीपंत्वदग्रे स्थितम् ।।

भक्ष्यंमोदक संयुतंगणपते क्षीरोदनंगृह्यताम् ॥ २॥

ताम्बूलंमनसा मया विरचितंजबूंफलंदक्षिणाम्

साष्टांगंप्रणतोऽस्मि ते मम कृतांपूजांगृहाण प्रभो ।

मे कामः सततंतवार्चनविधौ बुद्धिस्तवालिंगिने ।।

स्वेच्छा ते मुखदर्शने गणपते भक्तिस्तु पादांबुजे ॥३॥

माता गणेशश्च पिता गणेशो। भ्राता गणेशश्च सखा गणेशः ॥ विद्या गणेशो द्रविणंगणेशः । स्वामी गणेश: शरणंगणेशः ॥ ४ ॥

इतो गणेशः परतो गणेशः । यतो यतो यामि ततो गणेशः ॥ गणेशदेवादपरंन किंचित् । तस्मात् गणेशंशरणं प्रपद्ये ॥ ५ ॥

नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपायते नमः ॥ नमस्ते रुद्ररूपाय करीरूपायते नम: ॥

विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारिणे ॥ भक्तप्रियायदेवाय नमस्तुभ्यंविनायक ॥

लंबोदरंनमस्तुभ्यंसततम्मोदक प्रियम् ॥ निर्विघ्नम् कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।

ॐ भूर्भुवः स्वः ऋद्धि सिद्धि सहित विघ्नहर्त्रे महागजानन चिंतामणी देवताभ्यो नमः ।

ध्यायामि चिन्तयामि नमस्कारोमि। आवाहनार्थे आसनार्थे सर्वोपचारार्थे प्रार्थनापूर्वक नमस्करोमि ।।

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