जानिए वास्तुशास्त्र अनुसार प्लान ( नक्शा ) बनाने की सम्पूर्ण विधि !

प्रयोगात्मक तरीका

जोन प्लान बनाने के लिए सबसे पहले किसी भी भूखंड या मकान का मध्य बिंदु ज्ञान करना चाहिए | मध्य बिंदु मकान या भूखंड के नक़्शे में भी ज्ञात किया जा सकता है | इसके लिए मकान या भूखंड के नक़्शे को मकान या भूखंड के माप के बराबर अनुपात में लिया जाना चाहिए | उदहारण के लिए जैसे कोई भूखंड 50 फिट- 40 फिट हो तो उसका नक्शा अनुपात अनुसार 50 से.मी – 40 से.मी बनाया जा सकता है | निचे दिया गया नक्शा एक मकान का है जो 50 फिट – 40 फिट है | इसमें अनुपात अनुसार 1 से.मी को 4 फिट के बराबर उसमें मध्य बिंदु निकाला जा सकता है |

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मध्य बिंदु निकालने के लिए दिये गये नक़्शे में मकान के दो विपरीत सिरों से एक रेखा खिचिये | अब दुसरे दो विपरीत सिरों से एक रेखा खिचिये | जिस बिंदु पर यह दोनों रेखा आपस में काटे वह मध्य बिंदु होगा |

वस्तुशास्त्र में प्लान (नक्शा) बनाने की विधि :

वस्तुशास्त्र में प्लान बनाने की विधि एक सुनियोजित और वैज्ञानिक तरीका है जिसके द्वारा हम किसी भवन या स्थान का नक्शा बनाते हैं। यह विधि प्राचीन भारतीय वास्तुकला और ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है। यहाँ पर वस्तुशास्त्र में प्लान बनाने की विधि के बारे में बताया गया है :

पहला चरण : साइट एनालिसिस

  • साइट का चयन करें और उसका नक्शा बनाएं।
  • साइट की दिशा, आकार, और स्थान का अध्ययन करें।
  • साइट पर मौजूद प्राकृतिक तत्वों जैसे पेड़, नदी, पहाड़ आदि का अध्ययन करें।

दूसरा चरण : वास्तु पुरुष मंडल

  • वास्तु पुरुष मंडल का चयन करें जिसमें 64 वर्ग होते हैं।
  • प्रत्येक वर्ग का अर्थ और महत्व समझें।
  • साइट के नक्शे पर वास्तु पुरुष मंडल को ओवरले करें।

तीसरा चरण : दिशा निर्धारण

  • साइट की दिशा निर्धारित करें जिसमें उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम आदि दिशाएं शामिल हैं।
  • प्रत्येक दिशा का अर्थ और महत्व समझें।
  • साइट के नक्शे पर दिशाओं को निर्धारित करें।

चौथा चरण : भवन का नक्शा बनाना

  • साइट के नक्शे पर भवन का नक्शा बनाना शुरू करें।
  • भवन के आकार, आकृति और दिशा का निर्धारण करें।
  • प्रत्येक कमरे और स्थान का नक्शा बनाना शुरू करें।

पांचवा चरण : वास्तु दोष निवारण

  • भवन के नक्शे पर वास्तु दोषों का पता लगाएं।
  • वास्तु दोषों का निवारण करें जैसे कि द्वार का स्थान, खिड़की का स्थान आदि।
  • भवन के नक्शे को वास्तु अनुकूल बनाने के लिए संशोधन करें।

छठा चरण : अंतिम नक्शा

  • भवन के नक्शे का अंतिम रूप दें।
  • नक्शे का विस्तृत अध्ययन करें और सुनिश्चित करें कि वह वास्तु अनुकूल है।
  • नक्शे को स्वीकृति दें और उसका उपयोग करें।

यह वस्तुशास्त्र में प्लान बनाने की विधि है जिसके द्वारा हम किसी भवन या स्थान का नक्शा बना सकते हैं। यह विधि प्राचीन भारतीय वास्तुकला और ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है।

English

Here is the step-by-step process of creating a Vastu Shastra plan (Naksha) for a building or a house:

Step 1: Determine the Directions

  • Identify the directions of the plot or land using a compass or a GPS device.
  • Note down the direction of the entrance, roads, and surrounding features.

Step 2: Measure the Plot

  • Measure the length, width, and diagonals of the plot.
  • Calculate the total area of the plot.

Step 3: Determine the Vastu Grid

  • Divide the plot into a grid of 9×9 squares, also known as the Vastu Purusha Mandala.
  • Each square represents a specific energy zone or area of life (e.g., wealth, health, relationships).

Step 4: Identify the Brahmasthan

  • The Brahmasthan is the central square of the grid, which represents the spiritual center of the plot.
  • This area should be kept open and free from any obstructions.

Step 5: Determine the Zones

  • Identify the different zones or areas of the plot based on the Vastu grid, such as:
    • Northeast (Ishan) – spiritual growth and self-realization
    • East (Purva) – health and family
    • Southeast (Agni) – wealth and prosperity
    • South (Dakshin) – fame and recognition
    • Southwest (Nairutya) – relationships and marriage
    • West (Paschim) – creativity and entertainment
    • Northwest (Vayavya) – knowledge and education
    • North (Uttar) – career and finance

Step 6: Plan the Building

  • Based on the Vastu grid and zones, plan the building’s layout, including:
    • Room locations and sizes
    • Door and window placements
    • Placement of furniture and fixtures
    • Color schemes and decor

Step 7: Balance the Energies

  • Ensure that the building’s layout balances the five elements of nature (earth, water, fire, air, and space).
  • Use Vastu remedies, such as mirrors, plants, and colors, to balance any negative energies.

Step 8: Finalize the Plan

  • Review and finalize the Vastu plan, ensuring that it meets the requirements of the occupants and the plot.
  • Make any necessary adjustments to the plan before construction begins.

By following these steps, you can create a Vastu Shastra plan that promotes harmony, balance, and prosperity in your building or home.

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