जानिए आपकी रशिअनुसार केतु ग्रह का आपकी कुंडली में क्या फल है ?

मेष : –

मेष राशी में केतु स्थित होने से जातक चंचल होता है | जातक को एक से अनेक भाषाओ का ज्ञान होता है एव वह कई भाषाए धारा प्रवाह बोलता है | जातक सुखी होता है | किन्तु अस्थिर स्वभाव होता है एव वह जल्दी ही व्याकुल हो जाता है |

वृषभ : –

वृषभ राशी में केतु के स्थित होने से जातक आलसी होता है बहुत ज्यादा बोलता है | जातक में उत्साह की कमी होती है प्राय: जीवन में दुखी रहता है |

मिथुन : –

मिथुन राशी में केतु स्थित होने से जातक क्रोधी स्वभाव का होता है | जातक को संतोष नही होता एव वह दंभी होता है | वह वत्त विकार से ग्रस्त रहता है | शत्रु से भयभीत भी रहता है |

कर्क : –

कर्क राशी का स्वामी चन्द्रमा होता है जो केतु का परम शत्रु है | कर्क राशी में स्थित होने से केतु अशुभ परिणाम देता है | कर्क राशी में केतु के स्थित होने से जातक दुखी व पीड़ित रहता है | जातक कई बीमारी से ग्रस्त होता है जिसका कारण पता नही चलता है | जातक को वात्त संबंधि दोष भी होता है |

सिंह : –

सिंह राशी का स्वामी सूर्य है | चन्द्रमा की तरह सूर्य भी केतु का परम शत्रु है | सिंह राशी में केतु के स्तिथ होने से जातक डरपोक होता है | जातक को जंगली जिव का भय निरंतर बना रहता है | जातक कई भाषाओ के महारत हासिल करता है |

कन्या : –

कन्या राशी का स्वामी बुध है | कन्या राशी में केतु के प्रभाव से जातक व्यर्थ वाद-विवाद करने वाला होता है | जातक हमेशा रोगी व पीड़ित रहता है | जातक को पेट संबंधि परेशानिया रहती है | जातक में बुद्धिमता की कमी होती है एव वह मुर्खता पूर्ण आचरण करता है |

तुला : –

तुला राशी में केतु के प्रभाव से जातक कुष्ठ जैसे भयंकर रोगों से त्रस्त रहता है | जातक दुःखी कामी एव क्रोधी स्वभाव का रहता है | जातक स्त्री के संबंध में व्याकुल रहता है | एव यात्रा में कष्ट पाता है |

वृश्चिक : –

वृश्चिक राशी में केतु के स्थित होने से जातक धूर्त एव क्रोधी होता है | जातक कुष्ठ रोग से पीड़ित होता है तथा कई व्यसनों में लिप्त रहता है | जातक बहुत अधिक बोलता है | जातक निर्धन एव दुखी होता है |

धनु : –

धनु राशी में केतु के प्रभाव से जातक मिथ्यावादी होता है व्यर्थ के दिखावे व झूठी बातो से स्वय की प्रशंसा में लीन रहता है चंचल स्वभाव का होता है | जातक धूर्त भी होता है |

मकर : –

केतु के मकर राशी में स्थित होने से जातक परिश्रमशील व पराक्रमी होता है | जातक अपने माता – पिता के लिए चिंता का विषय बनता है | जातक तेजस्वी होता है एव प्रवास में लाभ होता है |

कुंभ : –

कुंभ राशी में केतु के प्रभाव से जातक दुखी होता है खर्चीला होता है भ्रमणशील होता है | जातक को कान संबंधि परेशानिया रहती है मध्यम वर्ग का कार्य करता है |

मीन : –

मीन राशी में केतु के प्रभाव से जातक अपने कार्य को पूर्णता से करता है एव कार्यपरायण होता है | जातक को नैत्र संबंधी रोग होते है | जातक प्रवासी एव चंचल होता है तथा उत्तम कार्यो में अपना धन खर्च करता है |

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