जानिए आपकी रशिअनुसार राहू ग्रह का आपकी कुंडली में क्या प्रभाव होता है ?

मेष : –

मेष राशी में राहू स्थित होने से जातक पराक्रम हिन होता है | जातक दुसरो पर आश्रित रहता है | जातक आलसी होता है एव अपने कार्यो को पूर्ण नहीं कर पाता | जातक विवेकहीन व क्रोधी होता है | जातक का चिडचिड़ा स्वभाव भी होता है |

वृषभ : –

वृषभ राशी में राहू के स्थित होने से जातक चंचल स्वभाव का होता है | दिखने में जातक में कोई विशेष आकर्षण नहीं होता है | जातक सुखी होता है | जातक अधिक बोलता है एव खर्चीला भी होता है |

मिथुन : –

मिथुन राशी को राहू की उच्च राशी माना गया है | मिथुन राशी में राहू के स्थित होने से जातक बलवान होता है | जातक की लंबी आयु होती है | जातक योग अभ्यासी होता है | जातक को अचानक धन की प्राप्ति होती है | जातक सुखी और उन्नतिशील होता है |

कर्क : –

कर्क राशी का स्वामी चन्द्रमा होता है जो राहू का शत्रु है | कर्क राशी में स्थित होने से राहू अशुभ परिणाम देता है | कर्क राशी में राहू के स्थित होने से जातक संकीर्ण मनोवृत्ति वाला होता है दूसरो से परेशान रहता है | जातक को व्यर्थ की चिंता भी सताती है रोगी होता है एव धन हिन होता है | जातक का उदार ह्रदय होता है |

सिंह : –

सिंह राशी का स्वामी सूर्य है | चन्द्रमा की तरह सूर्य भी राहू का परम शत्रु है | सिंह राशी मे स्थित राहू होने से जातक चिंतित व भययुक्त होता है | जातक चतुर , नितिज्ञ एव विचारक भी होता है शरीर पीड़ा रहती है |

कन्या : –

कन्या राशी का स्वामी बुध है | कन्या राशी में राहू के प्रभाव से जातक कला प्रेमी होता है | जातक सार्वजनिक कार्यो में रूचि लेता है साहित्य व कला के प्रति रुझान होता है कवी,गायक व लेख़क भी हो सकता है |

तुला : –

तुला राशी में राहू के प्रभाव से जातक कार्यकुशल होता है | जातक के पास धन होते हुये भी समय पर उस धन का उपयोग नहीं हो पाता है | जातक को दात संबंधि शिकायत हो सकती है | दाम्पत्य जीवन कलुषित होता है |

वृश्चिक : –

वृश्चिक राशी में राहू के स्थित होने से जातक धन का नाश करने वाला होता है जिसके कारन से वह निर्धन होता है | जातक रोग ग्रस्त भी होता है तथा घमंडी भी होता है |

धनु : –

धनु राशी में राहू प्रभाव से वह नीच व अशुभ फल देता है | धनु राशी में स्थित होने से जातक दुखी होता है बाल्याअवस्था में सुखी होता है | जातक किसी के यहाँ गोद जाता है एव अपने मित्रो से विद्रोह करता है | जातक अनसोचे व अचानक कार्यो को करता है जिसके कारण निंदा का पात्र बनता है |

मकर : –

मकर राशी का स्वामी शनि है जो की एक क्रूर व तामसिक ग्रह है | राहू के मकर राशी में होने से जातक में क्रूरता आती है | जातक मिथ्याभाषी होता है कुटुंब हिन होता है | जातक परिश्रमी एव भोगी होता है | तथा परदेश में रहता है |

कुंभ : –

कुंभ राशि में राह के मकर राशि से भी ज्यादा अशुभ प्रभाव प्राप्त होते है। जातक की भगवान में आस्था बिल्कुल भी नहीं होती है। परिवार से दूर रहता है। जातक किसी न किसी व्यसन में लिप्त रहता है। जातक को दूसरों की आलोचना करने में आनंद प्राप्त होता है ।

मीन : –

मीन राशि में राहु के स्थित होने से जातक आस्तिक होता है। ऐसे जातक का श्रेष्ठ कुल में जन्म होता है । एवं वह शांतिप्रिय होता है। जातक कलाप्रिय व कार्यदक्ष होता है। जातक के जीवन में विवाद एवं अनायास रोग की भी सम्भावना रहती है।

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