वट सावित्री का शुभ मुहुर्त जानिए और इस मुहूर्त पर वट सावित्री माताकी पूजा कीजिय |
वट सावित्री पोर्णिमा 10 जून को है |
प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाने के साथ वट सावित्री व्रत भी किया जाता है। यह व्रत सुहासीन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु, यस के लिए व्रत करती हैं और कामना करती है की उनका पति दीर्घ जीवी और यस सपन करे | इस बार की ज्येष्ठ अमावस्या बेहद खास है क्योंकि इस बार 10 जून 2021 दिन गुरुवार को अमावस्या तो आइए जानते हैं कि कब से कब तक है वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए कौन सा रहेगा सही समय
अमावस्या तिथि वट सावित्री पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि आरंभ- 9 जून 2021 दिन बुधवार दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि समाप्त- 10 जून 2021 दिन गुरुवार शाम 04 बजकर 20 मिनट पर
वट सावित्री व्रत तिथि- 10 जून दिन गुरुवार
वट सावित्री व्रत पारण- 11 जून 2021 दिन शुक्रवार
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक
अमृत काल – सुबह 08 बजकर 08 मिनट से सुबह 09 बजकर 56 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 08 मिनट से सुबह 04 बजकर 56 मिनट तक
इस समय न करें पूजन
राहुकाल- दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से शाम 03 बजकर 47 मिनट तक
यमगण्ड- प्रातः 05 बजकर 44 मिनट से सुबह 07 बजकर 24 मिनट तक
आडल योग- प्रातः 04 बजकर 57 मिनट से सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक
दुर्मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 12 मिनट से से सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक
कुलिक काल- सुबह 09 बजकर 05 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक
वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री व्रत सुहासीन स्त्रियां अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस दिन महिलाएं श्रंगार करने के पश्चात वट वृक्ष (बरगद का पेड़) और सावित्री-सत्यवान की पूजा करती हैं। पूजा के पश्चात सावित्री सत्यवान की कथा पढ़ी जाती है और महिलाएं देवी सावित्री से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्रदान करें।