मोती | Pearl चन्द्र ग्रह का यह रत्न धारण करने के फायदे जानिए.
मोती (Pearl) रत्न मोती को भाषा भेद के अनुसार अनेक नामों से सम्बोधित किया जाता है। यथा, संस्कृत में मुक्ता, मौक्तिक, शुक्तिज, इन्द्र-रत्न, हिंन्दी पंजाबी में मोती, अंग्रेजी में पर्ल तथा उर्दू फारसी में मुखारीद कहा जाता है। मोती को चंद्र रत्न माना गया है। विभन्न भाषाओं में इसके विभिन्न नाम मिलते हैं यथामुख्यतया सफेद रंग का ही होता है |
खनिज रत्न न होकर जैविक रत्न होता है।
मोती मुक्ता, शशि रत्न तथा अंग्रेजी में इसे पर्ल(Pearl) कहते हैं। यह मुख्यतया सफेद रंग का ही होता है | किन्तु हल्का पीलापन लिये तथा हल्का गुलाबीपन लिये मोती भी मिलते हैं। मोती खनिज रत्न न होकर जावक मूंगे की भांति ही मोती का निर्माण भी समुद्र के गर्भ में घोंघों के व्दारा किया जाता है। मोती का जन्म : समुद्र में एक विशेष प्रकार का कीट होता है। जिसे घोंघा(Pearl) कहते हैं। यह घोंघे नामक के अंदर रहता है। वस्तुतः सीप एक प्रकार से घोंघे (Pearl) का घर होता है। मोती के विषय में कहा जाता है कि स्वाति नक्षत्र में टपकने वाली बूंद जब घोंघे के खुले हुए मुंह में पड़ती है तब मोती का जन्म होता है।
वैज्ञानिक के अनुसार मोती का जन्म
मोती के जन्म के विषय में वैज्ञानिक धारणा यह है कि जब कोई विजातीय कण घोंघे के भीतर प्रविष्ट हो जाता है तब वह उस पर अपने शरीर से निकलने वाले मुक्ता पदार्थ का आवरण चढ़ाना शुरू कर देता है और इस प्रकार कुछ समय पश्चात् यह मोती का रूप धारण कर लेता है।
मोती धारण करने के लाभ.
मोती मन के कारक चन्द्र देव का प्रतिक है | मोती धारण करने से मानसिक आजार, मानसिक शक्ति, विचार, मन का चलबिचल पण, मनावर काबू पाने केलिए, मोती रत्न होमियोपथी, आयुर्वेद आलोपथी, इस में इसका उपयोग किया जाता है | कमजोरी के आजार को मोती धारण करने से नियंत्रित किया जाता है |